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सिकलिंग : सिकल सेल रोग

सिकल रोग एक आनुवांशिक रोग है जो मां-बाप के जीन्स के माध्यम से बच्चों में आता है। इस रोग में लाल रक्त कण (हिमोग्लोबिन) हंसिए के रूप में परिवर्तित हो जाता हैं। अंग्रेजी में हंसिए को सिकल कहते हैं। इसलिए इस बीमारी का नाम सिकल सेल रोग पड़ा। सिकलिंग वाले रक्त कण जल्दी-जल्दी नष्ट हो जाते हैं। इस कारण मरीज को हर समय रक्त की कमी (एनीमिया) रहती है। इस रोग से शरीर के कई अंग प्रभावित होते हैं। हड्डी रोग, पित्ताशय की पथरी, तिल्ली का बढ़ जाना, बार-बार फेफड़ों में संक्रमण, गर्भपात आदि से जीवन मुश्किल हो जाता है।

यह बीमारी छुआछूत, बीमारी खान-पान या समागम से होने वाली बीमारी नहीं है। यह एक जेनेटिक बीमारी अर्थात् जीन्स में हुए परिवर्तन के कारण होने वाली समस्या है। जीन्स हमारे शरीर का ब्लू प्रिंट है। जैसे हमारे जीन्स होंगे वैसे ही हमारे शरीर की रचना होगी। चिकित्सा इतिहास के अध्ययन से मालूम पड़ता है कि हजारों वर्ष पहले कुछ क्षेत्रों में हमारे हिमोग्लोबिन के जीन्स में परिवर्तन हुआ। हमारे गोलाकार लाल रक्त कण (लाल रक्त कण) हंसिए के रूप में परिवर्तित हो गए। यह परिवर्तन उन क्षेत्रों में हुआ जहां मलेरिया बहुतायत से पाया जाता था। जंगल, के मलेरियाग्रस्त क्षेत्र अविकसित रहे और पिछड़ गए। परिणामस्वरूप यह रोग अविकसित, आदिवासी दुरूह क्षेत्रों की जनजातियों में ज्यादा पाया जाता है। कुछ वर्षों पूर्व यह धारणा थी कि यह बीमारी सिर्फ काले अफ्रीकन नीग्रो लोगों में पाई जाती है। वस्तुत: अफ्रीका के अलावा यह बीमारी सउदी, अरेबिया, बेहरीन, ग्रीस, टर्की, इटली आदि के साथ-साथ भारत में बहुतायत में पाई जाती है यह चौंकाने वाला सत्य है कि विश्व के समस्त सिकल सेल मरीजों की संख्या में से आधे मरीज भारत में रहते है। भारत में यह बीमारी मध्यभारत (पश्चिमी गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ उड़ीसा आधे के पास होनी वाली मध्य पट्टी) में ज्यादा व्याप्त है।

इतनी बड़ी समस्या के संबंध में खामोशी का एक कारण यह भी था कि हमारे प्रशासक और योजनाकार यह सोचते रहे कि सिकल एक अनुवांशिक रोग है। और इसका कोई इलाज नहीं है। इन्हें लगा कि इसके लिए कुछ नहीं किया जा सकता। अत: इस पर समय और पैसा खर्च करना व्यर्थ है। यह एक बड़ी भूल थी। यह एक सत्य है कि अनुवांशिक रोगों के लिए जड़ से नष्ट करने वाला कोई निश्चित इलाज नहीं है। सत्य यह भी है कि कैन्सर, मधुमेह (डायबिटीज), एड्स आदि के लिए भी कोई निश्चित उपचार नहीं है। इसके बावजूद एड्स, डायबिटीज, कैन्सर आदि के संबंध में जनजागरण किया जाता है। इनकी रोकथाम और लक्षणों के उपचार की व्यवस्था की जाती है। सिकल के साथ यह न्याय नहीं किया गया।

सिकल सेल ग्रस्त छह राज्यों से घिरे होने की वजह से छत्तीसगढ़ में यह बीमारी मौत का तांडव मचा रही है। आलम यह है कि सिकल प्रभावित 7 फीसदी बच्चे तो छह महीने के अंदर काल के ग्रास बन जाते है। सिकल रोगी अगर 50 वर्ष जी गए तो आश्चर्य माना जाता है। सूबे में पिछड़ी जातियों की आबादी 50 फीसदी के करीब हैं और सबसे अधिक पिछड़े वर्ग के लोग ही सिकल सेल से प्रभावित हैं। इनमें से कुर्मी, साहू जैसी जातियों में तो 22 प्रतिशत तक लोग सिकल सेल की चपेट में हैं। सिकल सेल से सबसे अधिक वे ही प्रभावित हैं। बच्चों की शादी में बाधा आने की आशंका से लोग इस अनुवांशिक बीमारी के बारे में बताना नहीं चाहते और इस बीमारी के लगातार फैलने की वजह भी यही है।  शादी के बाद संतान उत्पति की प्रक्रिया में यह बीमारी फैलती जाती है। दो सिकल सेल रोगी की अगर शादी हो गई तो उनकी संतान भी सिकल रोगी होगी। इसलिए शादी के पहले अगर सिकल कुंडली मिला ली जाए तो 70 फीसदी तक बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है। मगर इसके लिए सामाजिक संगठनों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। क्योंकि जनजागृति ही सिकल सेल का एकमात्र उपाय है और सामाजिक संगठनों को साथ लिए बगैर जनजागृति संभव नही है।

जिस व्यक्ति को माता या पिता से सिर्फ एक सिकल जीन मिलता है उसे 'सिकल वाहक' (केरियर) कहते हैं। इनमें रोग के कोई लक्षण नहीं होते। वे स्वास्थ्य माने जाते हैं। उन्हें किसी इलाज की आवश्यकता नहीं है। जिस व्यक्ति को माता और पिता दोनों से सिकल जीन मिलते हैं वे ही 'सिकल रोगी' कहलाते हैं। इन्हें इलाज पुर्नवास की आवश्यकता होती है।  विवाह पूर्व सिकल की जांच कर सिकल के दो वाहकों या रोगियों के बीच विवाह न करने की सलाह देकर सिकलग्रस्त बच्चों की उत्पत्ति रोकी जा सकती है। सायप्रस और बेहरीन जैसे देशों में शादी के पहले सिकल हेतु रक्त परीक्षण कराना अनिवार्य है। ऐसे उपायों से उन देशों में सिकलग्रस्त बच्चों की पैदाईश में बहुत कमी आई है। यदि सिकल के दो वाहकों ने आपस में विवाह कर भी लिया है तो सिर्फ 25 प्रतिशत बच्चों (अर्थात् 4 में एक) के सिकलग्रस्त होने का अंदेशा रहता है। गर्भावस्था में गर्भजल परीक्षण (एनिमियो सेनटेसीस) कराकर अनचाहे शिशु से छुटकारा पाया जा सकता है। सिकल रोगग्रस्त बच्चों में रक्त की कमी रहती है। बच्चे कमजोर होते हैं इसलिए संक्रमण (इंफेक्शन) का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में बच्चों का टीकाकरण, पेनिसीलिन की गोलियां फोलिक एसिड की गोलियां देकर उनका जीवन दीर्घायु बनाया जा सकता है। सिकल रोग के कारण होने वाले प्रभाव एवं विकारों के इलाज से भी सिकल मरीज को लंबा जीवन प्राप्त हो सकता है।

जैमेका जैसी देशों में सिकल रोगियों को सही इलाजपुनर्वास की सुविधा के चलते सिकल रोगी 65 वर्ष तक की आयु प्राप्त करते हैं। व्यवस्था के अभाव में हमारे यहां सिकल रोगी की औसत आयु कम है। बच्चों में मृत्यु दर अधिक है। इस क्षेत्रीय बीमारी पर मौलिक चिंतन और दीर्घकालीन कार्य योजना की आवश्यकता है। यह हमारा दर्द हमें ही इसे समझना होगा।

सिकल सेल रोग के सम्बंध में अधिक जानकारी आप विकिपीडिया से प्राप्त कर सकते हैं। 






20 comments:

Harish Katjhare ने कहा…

बहुत अच्छी जानकारी..
धन्यवाद
महोदय, क्या आपसे मोबाइल या whatsapp के माध्यम से संपर्क किया जा सकता है..?

Santoshkumarmsmd ने कहा…

अब इलाज के बारे मे भी बता दीजिए

Neeraj ने कहा…

बहुत बढ़िया जानकारी है सर,बहुत बहुत धन्यवाय,।

Unknown ने कहा…

Sir meri sister ko bhi hai ye problem koi solution bataiye ham log kafi preshan hai usse lekar

Unknown ने कहा…

Iska ilaj sirf vayurved se hi sambhav hai mere bete ko bhi hua tha ab vo thik hai khun ka bhi test kara liya orisa me tol bramadi namak gaon me iska ilaj hota hai

Unknown ने कहा…

Waha Jo aurvedraj hai vo kensar our sicling ke visegya hai

Rohit ने कहा…

Tysm

Bhagwat manikpuri ने कहा…

Orisa ke kis distik me tol bramadi namak gaon hai sir please bataye ....And contect num...Send kare sir please sir

Unknown ने कहा…

Sir agr wife ko ye problem h to husband ya baby ko koi pareshani to nhi hogi.. means kisi b tarah se koi bimari?

Anchal ने कहा…

Please pura addressed bataye
Mujhe bhi SS hai

Unknown ने कहा…

Sirji adreess mila kya tol bramadi ka

Unknown ने कहा…

Sir, अभी जो सिकलसेल को दीव्यंग के सूची में शामिल किया गया है, तो क्या इसका लाभ सिकलसेल वाहक और पीड़ित दोनों को मिलेंगा?

Unknown ने कहा…

Tol bramadi ka adres dijiyega bhai bahut preshan hany

Unknown ने कहा…

गाव का पुरा पता देने की कृपा करें

Unknown ने कहा…

गाव का पुरा पता देने की कृपा करें

Unknown ने कहा…

Pura pta bataiye sir ji plllzzzz

Unknown ने कहा…

Please tell me address in Orissa

Unknown ने कहा…

Ilaj ke baad marij thik to ho jayega na mere dost ko bhi hai please baramadi pura pata batado

Unknown ने कहा…

Mere message Hamare bete ko hai iska Ilaaj bataiye kahan hoga please tell me e

Unknown ने कहा…

Sir please कोन सा जिला है बताये या अधिक जानकारी दे तो आपकी बड़ी कृपा होगी मेरे दोस्त को है यही प्रॉब्लम या आपका मोबाईल नंबर दे दो pls

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