परिचय
विभूतियाँ
अपने अतीत की ओर लौटना वर्तमान में अपनी सुरक्षा और गौरव की तलाश का आधार बन सकता है। चन्द्राकर समाज सदियों से अपनी अलग पहचान बनाए हुए स्वाभिमानी समाज रहा है। हमारा समाज थिरकता, गाता-गुनगुनाता खेती करता गांवों में बसा और अपनी अलग जातिय अस्मिता का आग्रही व राजनीतिक रूप से चैतन्य रहा है।
हम चंद्राकर समाज के इतिहास, रीति-रिवाज, खान-पान, रहन-सहन, परंपराओं, गतिविधियों, विभिन्न संस्कारों व उसमें गाए जाने वाले गीतों, समाज में जन्म लिए विभुतियों आदि विभिन्न बातों से सम्बन्धित तथ्यपरक जानकारियां जुटाने का प्रयास कर रहें हैं।